महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर अप्रत्याशित घटनाक्रम ने हलचल मचा दी है। सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री पद को लेकर नए समीकरण बन रहे हैं, जिससे प्रदेश की सत्ता में बड़े बदलाव की अटकलें तेज हो गई हैं।
क्या है मामला?
महाराष्ट्र की मौजूदा सरकार, जिसमें एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री और देवेंद्र फडणवीस उपमुख्यमंत्री के पद पर हैं, अब सियासी संकट का सामना कर रही है। एनसीपी के एक धड़े, शिवसेना (शिंदे गुट), और बीजेपी के बीच कथित तौर पर पैदा हुए मतभेदों ने राजनीतिक पारा चढ़ा दिया है।
बाजी पलटने के संकेत
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने हाल ही में अपनी पार्टी में चल रहे विभाजन पर बड़ा बयान देते हुए संकेत दिया कि उनकी अगुआई में एक नया राजनीतिक गठबंधन बन सकता है। इस बीच, शिवसेना (उद्धव गुट) ने इस पूरे घटनाक्रम को सरकार के अंत की शुरुआत करार दिया है।
बीजेपी का प्लान?
बीजेपी, जो महाराष्ट्र की सत्ता में साझेदार है, ने अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की है, लेकिन अंदरूनी सूत्रों का दावा है कि पार्टी जल्द ही नई रणनीति के साथ सामने आ सकती है। कुछ रिपोर्टों के मुताबिक, महाराष्ट्र में बीजेपी एक नया चेहरा मुख्यमंत्री के रूप में लाने की योजना बना रही है।
विपक्ष का दावा
विपक्षी महाविकास अघाड़ी (एमवीए) ने दावा किया है कि वर्तमान सरकार “अस्थिर” हो गई है और आने वाले समय में प्रदेश में नई सरकार बन सकती है। एमवीए नेता उद्धव ठाकरे ने कहा,
“महाराष्ट्र में जनता के हितों की अनदेखी हो रही है। यह सरकार ज्यादा दिन टिकने वाली नहीं है।”
नई सरकार की अटकलें
कयास लगाए जा रहे हैं कि देवेंद्र फडणवीस को एक बार फिर मुख्यमंत्री पद का दावेदार बनाया जा सकता है। वहीं, एनसीपी के अजीत पवार गुट की भूमिका भी इस खेल में अहम मानी जा रही है।
जनता का रुख
महाराष्ट्र की जनता इन सियासी उठापटक से असमंजस में है। लोग स्थिर सरकार और विकास कार्यों को प्राथमिकता देने की मांग कर रहे हैं।